Coffee इश्क़ (कुछ एहसास 💖)

कितना कुछ हम, एक दूसरे से कह जाते हैं लिख कर (आंखों से)

शायद लिखतें नहीं, तो ..........

हमारे एहसास एक दूसरे तक पहुंच ही नही पाते !!!!

कॉफ़ी से शुरू हुई
इस सफर की यह छोटी सी कहानी कब, 
उपन्यास का रूप ले लेगी कभी सोचा भी नहीं 
दिन महीने में कब तब्दील हो गए 
पता तो चला, 
पर तब तक बहुत देर हो गयी थी 
जुड़ने की वजह तो बस एक ही थी, तब तक 
शायद  समझ ही गये होगे
नही समझे?
तो अच्छा है ना 
इसी से बातचीत के और बहाने तो मिल जाएंगे 
जब देखा नहीं था, 
तो फिल्मी गानों में एक दूसरे को ढूंढ लेते थे 
कभी तो माध्यम सुर जैसी ज़िन्दगी 
खूबसूरत और रोमानी लगती थी 
अगले ही दिन loud गानों में मनचली हो जाती थी 
हर सुबह एक इंतज़ार होता था, तुम्हारा 
फीकी चाय भी मीठी सी लगती थी 
नई सुबह, एक नई पहेली लिए हुए खड़ा होता 
पर तुम जो थे 
दूरियां अब मीलों  वाली नहीं रह गईं थीं  
स्पर्श मुखर जो हो गया 
ज़हन में हम थे 
एक दूसरे के 
चाहो तो, 
अजमा के देख लो !!
क्या कहूँ , 
हर रोज़ एक कोशिश रहती थी कि 
आज अमृता (प्रीतम) को पढूंगी
कभी गुलज़ार की शायरी में खुद को डुबो देती थी
बासू चटर्जी की नायिका बन 
अपने इर्दगिर्द 
तुमको ढूंढती रहती थी 
क्या तुम्हें इसका एहसास है ?
मैं, 
रात को सोने से पहले 
तुम्हे बंद आंखों में कैद कर लेती थी 
और,
एक छोटी सी गुज़ारिश आप ही से करती थी 
कॉफी की इस  बैठक में यह कह दूं
तो शायद तुम तक पहुंचने के 
नए बहाने नहीं तलाशने पड़ेंगे 
पर, हर रात की सुबह तुम तक
पहुंचने के बहाने मुझे दे ही देता था 
देखो ना,
लगन कितने इम्तेहान लेती थी 
चलो एक और सही 
मुझे भी इंतज़ार रहेगा
किसी दिन तुम्हारे सीने पर सर रख कर
इत्मीनान से दो घड़ी धड़कन से रूबरू हो जाऊं ।
बहुत हुआ, 
अब, मत कहा करो
मैं अभी ज़रूरी काम में बिजी हूँ,
चलो फिर कल कॉफ़ी पीते  हैं
बमुश्किल तुमसे खुद को बिना शर्त जोड़ पायी हूँ
कभी हाथों की उंगलियों पर बैठ कर
मेरे एहसासों  ने तुम्हे बहुत छुआ है 
देखो ना अब आंखों को खोलना
इसलिए मुश्किल हो गया है 
कि, हर समय
तुम्हारा अक्स लिए घूमती रहती हूँ, मैं 
चलो ना एक और कोशिश करते हैं 
मिलकर मन को 
एक साथ पढ़ते हैं
सोचती हूँ, उन दिनों की कॉफ़ी की खुशबू 
कैद कर ली होती तो 
आज मौन भी मुखर हो जाता 
काश कोई,
कॉफी के मग में फिर से 
वही जादू की छड़ी घुमा दे
यह उपन्यास अन्तहीन हो जाये  ....😊

Comments

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  2. थोड़ी मीठी तो कभी नीम
    तुम और तुम्हारी बातें
    कभी तुम्हारा मुस्कुरा कर
    यूं ही बस एक नजर देखना
    तो कभी अचानक चुप होना
    मैं हर लम्हे पिरोती हूं
    तुम्हारे ख्यालों में खोई
    कितने रतजगे किए
    ऊनिंदी आंखो से
    सपनो को सजाया
    तो कभी उन्हें तुमसे
    धीरे से जताया भी है
    अब जो पास आना
    तो पूरा चांद बनकर
    चांदनी बस बना जाना।
    बहुत खुबसरत लिखा मंजरी❤️😍

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  3. मिल जाते तो इश्क़ मुक्कमल होता
    ये अधूरा है किस्से जैसा
    कहानी होती तो खत्म होता

    अति सुन्दर, २ बार पढ़ना पढ़ा, तब भी शायद आपकी निगाहों से देख ना पाई।शायद हर किसी के लिए इसके अलग मायने हैं और खूबसूरत लेखनी की ये खासियत है 😍
    बहुत बहुत बधाई🌹🌹

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    1. Kya Baat hai neetu... Behad sateek samajh... Shukriya💕

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