आदत !!!
आदत!!!
बहुत ख़्वाब देखे हैं एक से …
अलहदा अलहदा …
मिलना कोई मजबूरी होती , तो
उसकी वजह भी ढूँढ लेते
कभी किसी ख़ुशनुमा शाम
किसी अंधेरे दिन
कुछ पाने की ख़ुशी
कभी बेवजह की मुस्कुराहट
तुम्हारे होने और ना होने का फ़र्क़
तलाश ही लेते हैं
चाँद जब अपने शबाब पर होता है
इश्क़ को एहसास होता है कि तुम हो !!!!
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