एक खूँटी … प्रवेशद्वार की !!!!!
एक खूँटी घर के दरवाज़े के पीछे मात्र एक खूँटी बची है जो सम्भाले है घर को और घरवालों को … सुनने में ज़रा अजीब लगता होगा एक खूँटी पर इतना बोझ पर हक़ीक़त तो यही है सुबह ही खूँटी पर टंग जाती है घर की चाभी जो अंत में घर से निकलने वाले के हाथ में आती है और उसको वो नियत स्थान पर रख दिहाड़ी के लिए निकल पड़ता … घर वापसी पर , फिर सबसे पहले आने वाला सदस्य घर की चाभी वापस खूँटी पर टांग ...
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